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✍️ शब्दकार ©
🇮🇳 डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'
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तीन रंग में लहराता है।
राष्ट्र - ध्वज वह कहलाता है।।
उदित सूर्य - सा ऊपर रँग है ।
केसरिया का अपना ढँग है।।
शौर्य, पराक्रम दिखलाता है।
तीन रंग में लहराता है।।
मध्यम भाग दूध - सा गोरा।
निर्मल शांति प्रदाता भोरा।।
हम सबको भी अति भाता है।
तीन रंग में लहराता है।।
नीचे हरी धरा का वाचक।
हरा रंग धन -धान्य सुवाहक।।
शीतलता चित में लाता है।
तीन रंग में लहराता है।।
ध्वज की शान न जाने देंगे।
अरि के प्राण छीन हम लेंगे।।
आन - बान को बतलाता है।
तीन रंग में लहराता है।।
विश्व विजय करके हम लाएँ।
करके प्रण कर्तव्य निभाएँ।।
'शुभम' देश उन्नति पाता है।
तीन रंग में लहराता है।।
🪴 शुभमस्तु !
०९.०८.२०२१◆६.००पतनम मार्तण्डस्य।
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