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✍️ शब्दकार ©
🦚 डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'
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हे गिरिधारी ! कृष्ण ! मुरारी!
चरण - वंदना करें तुम्हारी।।
अच्युत,अजय,अजन्मा स्वामी
अमृत,अनय,अंनत, अकामी।
मोहन, मुरलीधर, कंसारी।
चरण - वंदना करें तुम्हारी।।
अक्षर, अपराजित , ज्ञानेश्वर।
हरि, गोपाल, मदन,योगेश्वर।।
मधुसूदन, केशव , अघहारी।
चरण - वंदना करें तुम्हारी।।
हे जगदीश ! देवकीनंदन।
पद्महस्त, परब्रह्म , सनातन।।
सकल वेदना हरें हमारी।
चरण - वंदना करें तुम्हारी।।
वासुदेव, सर्वज्ञ , जनार्दन।
नारायण, निर्गुण,नंदनंदन ।।
विश्वरूप, भव - संकटहारी।
चरण - वंदना करें तुम्हारी।।
पद्मनाभ, साक्षी , रविलोचन।
कमलनयन,सुमेध, मनमोहन।
दानवेन्द्र ,करुणा - अवतारी।
चरण - वंदना करें तुम्हारी।।
रमाकांत, गोपालक- प्रियवर।
हे ऋषिकेश! सुदर्शन,मनहर।
विश्वमूर्ति, सु-संत,सुखकारी ।
चरण - वंदना करें तुम्हारी।।
पुरुषोत्तम, देवेश, श्यामघन।
राधाप्रिय,रुक्मिणि के उर धन।
'शुभम' यशोदासुत बलिहारी।
चरण - वंदना करें तुम्हारी।।
🪴 शुभमस्तु !
२६.०८.२०२१◆१.००पतनम मार्तण्डस्य।
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