बुधवार, 28 जून 2023

सपरेटा पर मलाई ● [क्षणिकाएँ ]

 270/2023

 

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● © शब्दकार

● डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम्'

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                    -1-

नीचे सपरेटा

ऊपर तैरती मलाई,

'भक्तों' की भीड़

देख-देख खिलखिलाई।


                   -2-

सोना रखा

रह गया घर में,

हीरे की चमक

रही बाहर ही दिखाई।


                 -3-

लगी हुई

घर में आग,

जाकर कहीं और

जल  - झड़ी

बरसाई।


                  -4-

 हमारे 

कानों को,

ढोल दूर के

बड़े ही मनोरम

देते सुनाई।


                   -5-

पीते हैं जो स्तन्य

हो गए हैं धन्य,

झाँकते नहीं भीतर

सत्य देता नहीं दिखाई।


●शुभमस्तु!


23.06.2023◆6.45आ०मा०

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