चीनी मिट्टी का मैं प्याला।
चिकना सुंदर रूप निराला।।
गर्म चाय मैं रोज पिलाता।
नहीं होठ मैं कभी जलाता।।
गर्म दूध कॉफी भी पीना।
चैन तुम्हारा कभी न छीना।।
सुंदर साँचे में मैं ढाला।
चीनी मिट्टी का ....
केओलिन कहलाती मिट्टी।
जिससे होती मेरी सृष्टी।।
चीनी मृदा का असली नाम।
सारी दुनिया करे सलाम।।
मैं मजबूत टिकाऊ वाला।
चीनी मिट्टी का ....
केओलिन का जनक चीन है।
बने क्रोकरी नित नवीन है।।
भारत में दिल्ली या केरल।
कुंडारा बिहार हिल बेंगोल।।
पथरगटा राजस्थान निकाला।
चीनी मिट्टी ....
भंगुर हूँ सँभाल के रखना।
गर्म ताप से नहीं पिघलना।।
तरह - तरह के रंग रूप में।
घर -घर में बदले स्वरूप में।।
रंग -बिरंगा पीला काला।
चीनी मिट्टी ....
💐 शुभमस्तु!
✍रचयिता ©
🥣 डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'
बहुत बहुत बधाई हो।
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