रविवार, 14 मई 2023

माँ तो माँ ही नित्य है 🤱🏻 [ दोहा गीतिका ]

 203/2023

 

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●शब्दकार ©

● डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम्'

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नाक सदा ऊँची रखें,निज जननी की आप।

जन्म दिया है आपको,उसका बढ़ा प्रताप।।


माँ  तो  माँ  ही  नित्य है,घटे न उसका  नेह,

संतति  की  वरदायिनी, मत गहराई   माप।


मात-पिता  वह बेल हैं,संतति जिनका  फूल,

जीवन  में  तेरे रहे,अमिट उन्हीं  की   छाप।


सोई  गीली सेज  पर,दे तुमको सुख - साज,

आजीवन करना तुझे,उस जननी का जाप।


जीवन में होते वही,सफल सुता-सुत  मीत,

कर   सेवा   सम्मान  से, जीतें मैया-बाप।


उऋण नहीं होती कभी,संतति जननी पितृ,

करता जो अपमान सुत,स्वयं भोगता शाप।


'शुभं'भक्तिरत मातु की,जन्म दिया जो कोख

 जनक नहीं कम जान ले,करना नहीं प्रलाप।


●शुभमस्तु !


14.05.2023◆6.15आ.मा.

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