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✍ शब्दकार ©जी डी पी का नीचे जाना⬇️
[ चौपाई ]
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✍ शब्दकार ©
⚓ डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'
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जी डी पी का नीचे जाना।
कोरोना का मिला बहाना।।
भक्त कहें सो साँची बाता।
साँच कहे सो खाए लाता।।
अपनी बला और पर टालें।
कड़ुए फल को मधुर बना लें।
अच्छा - अच्छा नाम हमारे।
बुरा नतीजा काम तुम्हारे।।
मिली विरासत में सौगातें।
हम हैं ऊँचे खा तू लातें।।
हम से काम बिगड़ता कोई।
टाल और पर हम खुश होई।।
किसी और पर दोष लगाना।
इतना हमने सीखा जाना।।
चक्षु - पट्टिका बाँधी ऐसी।
भेड़ बन गए हैं हम देशी।।
कान बचे हैं अभी हमारे।
जिन पर पट्टी शेष तुम्हारे।।
अपनी कहो सुनो मत काना।
जन हों या हों सभी जनाना।।
बिगड़े कोई काज हमारा।
कोरोना पर डालें सारा।।
वर्षों पहले भारत आया।
बेड़ा उसने गर्क कराया।।
भारत में अब दृश्य हो गया।
जी डी पी का ग्राफ सो गया।।
सरकारों को दोष न देना।
उनको देना अंडे सेना।।
सबका मालिक है कोरोना।
व्यर्थ करो मत रोना-धोना।।
धन की सेहत का पैमाना।
जी डी पी को हमने जाना।।
'गर्त डालदो पाप' हमारे।
कोरोना सब काम सँवारे।।
गंगाजल - से पावन सारे।
बैठ गए वे सभी किनारे।।
गूँगा कोरोना क्या बोले!
जो बोले सो कुंडी खोले।।
तालेबंदी सबकी कर दी।
जी डी पी गड्ढे में भर दी।।
जी डी पी पर लगा न ताला।
रोते नौकर, चाकर, लाला।।
कोरोना से भी शातिर हैं।
दोषारोपण में माहिर हैं।।
सारे दोष उसी पर लादे।
नेता भूल गए सब वादे।।
कोरोना जो तू नहिं आता।
मानव किस पर गाज गिराता।
तेरी ताकत तू ही जाने।
हमको आते लाख बहाने।।
सौ की बात एक हम जानें।
सुनें न तेरी अपनी तानें।।
तू ही गिरा रहा जी डी पी।
सब ही बोल रहे पीं पीं पीं।।
💐 शुभमस्तु !
02.09.2020 ◆5.45अपराह्न।
⚓ डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'
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जी डी पी का नीचे जाना।
कोरोना का मिला बहाना।।
भक्त कहें सो साँची बाता।
साँच कहे सो खाए लाता।।
अपनी बला और पर टालें।
कड़ुए फल को मधुर बना लें।
अच्छा - अच्छा नाम हमारे।
बुरा नतीजा काम तुम्हारे।।
मिली विरासत में सौगातें।
हम हैं ऊँचे खा तू लातें।।
हम से काम बिगड़ता कोई।
टाल और पर हम खुश होई।।
किसी और पर दोष लगाना।
इतना हमने सीखा जाना।।
चक्षु - पट्टिका बाँधी ऐसी।
भेड़ बन गए हैं हम देशी।।
कान बचे हैं अभी हमारे।
जिन पर पट्टी शेष तुम्हारे।।
अपनी कहो सुनो मत काना।
जन हों या हों सभी जनाना।।
बिगड़े कोई काज हमारा।
कोरोना पर डालें सारा।।
वर्षों पहले भारत आया।
बेड़ा उसने गर्क कराया।।
भारत में अब दृश्य हो गया।
जी डी पी का ग्राफ सो गया।।
सरकारों को दोष न देना।
उनको देना अंडे सेना।।
सबका मालिक है कोरोना।
व्यर्थ करो मत रोना-धोना।।
धन की सेहत का पैमाना।
जी डी पी को हमने जाना।।
'गर्त डालदो पाप' हमारे।
कोरोना सब काम सँवारे।।
गंगाजल - से पावन सारे।
बैठ गए वे सभी किनारे।।
गूँगा कोरोना क्या बोले!
जो बोले सो कुंडी खोले।।
तालेबंदी सबकी कर दी।
जी डी पी गड्ढे में भर दी।।
जी डी पी पर लगा न ताला।
रोते नौकर, चाकर, लाला।।
कोरोना से भी शातिर हैं।
दोषारोपण में माहिर हैं।।
सारे दोष उसी पर लादे।
नेता भूल गए सब वादे।।
कोरोना जो तू नहिं आता।
मानव किस पर गाज गिराता।
तेरी ताकत तू ही जाने।
हमको आते लाख बहाने।।
सौ की बात एक हम जानें।
सुनें न तेरी अपनी तानें।।
तू ही गिरा रहा जी डी पी।
सब ही बोल रहे पीं पीं पीं।।
💐 शुभमस्तु !
02.09.2020 ◆5.45अपराह्न।
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