351/2024
©शब्दकार
डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम्'
आया है दिन
स्वतंत्रता का
चलो तिरंगा फहराएँ।
त्याग शांति
हरियाली के रँग
इस झंडे में लहराते।
केसरिया सित
हरे वर्ण से
भारतवासी मुस्काते।।
वीरों का बलिदान
याद कर
रक्षा- भाव हृदय लाएँ।
शान न इसकी
जाने देंगे
यह कर्तव्य हमारा है।
लहर - लहर कर
फहरे जग में
हमें प्राण से प्यारा है।।
आओ हम सब
जन गण मन गा
एकमेक सब हो जाएँ।
विजयी विश्व
तिरंगा प्यारा
नमन सदा भू माता को।
अन्न दूध फल
हमको देते
है प्रणाम जग दाता को।।
हम अखंड हों
मिटा सपोले
'शुभम्' सभी उर मिल छाएँ।
शुभमस्तु !
13.08.2024● 6.45आ०मा०
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