मंगलवार, 20 अगस्त 2024

श्रावणी पर्व [ गीतिका ]

 360/2024

                  

©शब्दकार

डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम्'


मास      पाँचवाँ      सावन    आया।

पर्व    श्रावणी    आज       मनाया।।


भगिनी      राखी      लिए    पधारी,

भ्राता   ने   कर      में      बँधवाया।


करती  भ्रातृ  -   भाल   पर   टीका,

घर  में    उत्सव  -  हर्ष     सवाया।


कजरी  गीत    मल्हार    न    झूले,

फिर  भी  गीत  नेह    का   गाया।


महक  रहा   घेवर     घर -  घर में,

मिल्क   केक  कोई   घर   लाया।


बूरा    मधुर      सिवइयाँ     खाते,

अमराई    की    शीतल     छाया।


पाँव   छुए   भगिनी     के    भैया,

बड़ी बहिन  का   आशिष   पाया।


वचन   दिया   भगिनी  -  रक्षा का,

सदा   रहे    भ्राता     का    साया।


'शुभम्'      मनाएँ        रक्षाबंधन,

तन   -  मन   में   आनंद  समाया।


शुभमस्तु !


18.08.2024●10.30प०मा०

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