बुधवार, 26 अगस्त 2020

माँ की भाषा :हिंदी [ बालगीत ]

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✍ शब्दकार©

🏕️ डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'

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माँ की  भाषा  अपनी  हिंदी।

पढ़ें,  लिखें , बोलें हम हिंदी।।


बोल   तोतले     हमने  बोले।

माँ  ही  तो उसमें  रस घोले।।

भारत   के   माथे  की  बिंदी।

माँ  की भाषा अपनी  हिंदी।।


हँसना, रोना ,  गाना  अपना।

हिंदी  में   देखें   हम सपना।।

साँस -साँस में  बसती हिंदी।

माँ  की भाषा  अपनी हिंदी।।


हिंदी    मस्तक   वाली भाषा।

इस पर टिकी हमारी  आशा।

नहीं करो   हिंदी   की  चिंदी।

माँ  की भाषा  अपनी हिंदी।।


मौसी  को  माता  मत मानो।

सबसे ऊपर माँ   को जानो।।

आम,खास ,सबकी है हिन्दी।

माँ की भाषा  अपनी  हिंदी।।


हिंदी  फागुन   हिंदी  सावन।

दिपावलि  होली मनभावन।।

हवा   वसंती    चैती    हिंदी।

माँ की भाषा अपनी  हिंदी।।


हिंदी हमको  अति  मनभाई।

किसे न हिंदी  कहो  सुहाई।।

'शुभम' माधुरी न्यारी हिंदी।

माँ  की भाषा अपनी हिंदी।।


💐 शुभमस्तु !


26.08.2020◆9.15पूर्वाह्न।

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