रविवार, 2 अगस्त 2020

मंदिर प्रभु श्रीराम का [ दोहा -ग़ज़ल]

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✍ शब्दकार©
🚩 डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'
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मंदिर प्रभु  श्रीराम का, सजा अयोध्या धाम।
जब तक राम कृपा नहीं, नहीं बनेगा  काम।।

मानव अपना श्रेय ले,कहता मैं करतार,
पत्ता तक हिलता नहीं,करते सीता राम।

कण-कण में जो रम रहा,वही राम ब्रह्मांड,
वही कृष्ण हैं राम भी,प्रभु के काम ललाम।

पुण्य धरा यह देश की,प्रकटे जब श्रीराम,
पुरी अयोध्या हो गई,धन्य -धन्य शुभ नाम।

अजर अमर शाश्वत सदा,युग युग से आसीन
अपने मन को साधने, रामालय का नाम।

श्रद्धा तो मन में बसे,धन धुँधली चमकार,
मन का दर नर खोल दे,वहीं मिलेंगे राम।

अपने -अपने स्वार्थ में, बाँट लिए भगवान,
'शुभम' राम  है एक ही,छोड़ो सारे   झाम।

💐 शुभमस्तु !

02.07.2020◆10.45 पूर्वाह्न।

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