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✍ शब्दकार©
🌳 डॉ भगवत स्वरूप 'शुभम'
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-1-
अंडे में जब भ्रूण है,फ़िर क्यों शाकाहार?
रसना के रस के लिए,देते तर्क हज़ार।।
-2-
लवण सोडियमअधिक है,बढ़े रक्त का चाप।
हृदय रोग इससे बने,अंडा इनका बाप।।
-3-
लकवा, पथरी,कुष्ठ भी,अंडे से हैं जात।
कर्कट,गुर्दा,शुगर की,बीमारी का घात।।
-4-
अंडा खुजली-स्रोत है,कहते जिसको खाज।
माँसाहारी जीव को, खाते हैं नर आज।।
-5-
पीली जर्दी अंड की, कोलेस्ट्रॉल का स्रोत।
डीडीटी इसमें रहे,बुझती जीवन - जोत।।।
-6-
दालें, सोयाबीन में, प्रचुर स्रोत प्रोटीन।
अंडे से गुणवर सदा,शुभम न हो बेदीन ।।
-7-
बालक अंडे खा रहे,रुकता बुद्धि विकास
देह वृद्धि उनकी रुके,अंडे से तज आस।।
-8-
खाद्य नहीं अंडा कभी,रसना का व्यभिचार।
विज्ञानी सब कह रहे, आते क्रूर विचार।।
-9-
अंडा खाते लोग जो, हो जाते अश्लील।
दूषित उनके चरित हों,हों हिंसारत भील।।
-10-
अंडाहारी नर नहीं,धर मानव का रूप।
तानाशाही में लगे, पतित क्रूरता - कूप।।
-11-
अंडा पूर्ण अखाद्य है, कहता मानव -धर्म।
खाओ अपने अंग ही, छूकर देखो मर्म।।
💐 शुभमस्तु !
17.08.2020 ◆ 11.30 पूर्वाह्न।
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