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✍ शब्दकार©
🌾 डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'
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जसुदा माँ का कान्हा प्यारा।
जन्मेगा अब नंद - दुलारा।।
आधी रात अष्टमी भादों।
गोद भरेंगे माँ की माधों।।
मथुरा गोकुल में जयकारा।
जसुदा माँ का कान्हा प्यारा।।
घंटे गूँजेंगे घर - घर में।
शंख बजेंगे गाँव- नगर में।।
शांत बहेगी जमुना - धारा।
जसुदा माँ का कान्हा प्यारा।।
छोटे - छोटे पड़ें पालना।
झूलेंगे श्रीकृष्ण लालना।।
मात देवकी का सुत बारा।
जसुदा माँ का कान्हा प्यारा।।
नाचेंगे अब मोर बाग में।
लहराएं तरु - लता राग में।।
लिपटें बेलें ढूँढ़ सहारा।
जसुदा माँ का कान्हा प्यारा।।
मिस्री - माखन भोग लगेगा।
कान्हा अपना खूब फबेगा।।
'शुभम' नयन का प्यारा तारा।
जसुदा माँका कान्हा प्यारा।।
💐 शुभमस्तु !
08.08.2020 ◆6.45अप.
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