शनिवार, 8 अगस्त 2020

कान्हा प्यारा [ बालगीत ]

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✍ शब्दकार©

🌾 डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'

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जसुदा माँ  का कान्हा प्यारा।

जन्मेगा  अब नंद -  दुलारा।।


आधी   रात   अष्टमी   भादों।

गोद  भरेंगे  माँ   की  माधों।।

मथुरा  गोकुल   में जयकारा।

जसुदा माँ का कान्हा प्यारा।।


घंटे    गूँजेंगे     घर -  घर  में।

शंख  बजेंगे  गाँव-  नगर में।।

शांत   बहेगी  जमुना  - धारा।

जसुदा माँ का कान्हा प्यारा।।


छोटे -  छोटे     पड़ें  पालना।

झूलेंगे    श्रीकृष्ण   लालना।।

मात  देवकी   का  सुत बारा।

जसुदा माँ का कान्हा प्यारा।।


नाचेंगे  अब   मोर   बाग  में।

लहराएं  तरु - लता  राग में।।

लिपटें   बेलें    ढूँढ़    सहारा।

जसुदा माँ का कान्हा प्यारा।।


मिस्री -  माखन  भोग लगेगा।

कान्हा अपना  खूब फबेगा।।

'शुभम' नयन का प्यारा तारा।

जसुदा माँका कान्हा प्यारा।।


💐 शुभमस्तु !


08.08.2020 ◆6.45अप.

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