बुधवार, 7 दिसंबर 2022

शीतकाल सौगातें लाया 🥜 [बालगीत ]

 513/2022

 

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✍️ शब्दकार ©

🏕️ डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम्'

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शीतकाल     सौगातें   लाया।

ठंडी  ऋतु का मौसम भाया।।


छोटे  दिन   की   लंबी    रातें।

अगियाने   पर    होतीं  बातें।।

गरम   रजाई    ने    गरमाया।

शीतकाल    सौगातें   लाया।।


गज़क तिलकुटी हमको भाती

मूँगफली  भी  खूब  सुहाती।।

लड्डू  भी  माँ   से  बनवाया।

शीतकाल    सौगातें   लाया।।


साग  चने  सरसों  का  भाता।

मक्का  और   बाजरा आता।।

बार  -  बार  खाया ललचाया।

शीतकाल   सौगातें    लाया।।


गरम  पकौड़ी के क्या कहने?

तीखी  मिर्च  न  पाते  सहने।।

मीठा  गरम  दूध  अति भाया।

शीतकाल  सौगातें     लाया।।


ऊनी   कंबल  की    गरमाई।।

स्वेटर,  मोजे ,  टोपी    भाई।।

गीत  'शुभम्'  ने  हमें सुनाया।

शीतकाल     सौगातें   लाया।।


🪴शुभमस्तु!


06.12.2022◆7.45 प.मा.

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