सोमवार, 12 दिसंबर 2022

परिवर्तन समय-जात है 🌳 [ गीतिका ]

 525/2022

 

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✍️ शब्दकार ©

🪴 डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम्'

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पौष     मास   की        सर्द   रात    है।

ओढ़े      सित     चादर    प्रभात     है।।


धूप        गुनगुनी      दिन    में   भाती,

होता        निशि   में     तुहिन पात  है।


तन    में    चुभते     तीर       शीत  के,

सी  -  सी    करती    शिशिर- वात  है।


निर्मल      मन      के    धारक  कितने,

जन  -   जन     में    कटु भितरघात है।


गेंदे ,                पाटल ,   सूरजमुखियाँ,

सुरभि  -  सुगंधित  -   सुजन -गात    है।


फूल      -     फूल    पर   तितली   भौंरे,

प्रकृतिजन्य               शुचि   करामात   है।


'शुभम्'       बदलते     ऋतुएँ    मौसम,

हर       परिवर्तन     समय - जात     है।


🪴 शुभमस्तु!


12.12.2022◆7.00आरोहणम् मार्तण्डस्य।

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