547/2022
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✍️ शब्दकार ©
🌱 डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम्'
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जन्मदिवस मम आज है,मास दिसंबर मीत
अट्ठाइस तारीख को,पौष माह ऋतु शीत।।
जननी देवी द्रोपदी, मौहर सिंह शुभ धाम।
खेला आँचल में 'शुभम्', बाबा तोताराम।।
पितामही शुभ जानकी,देवी बड़ी अधीर।
बजी बधाई गेह में, जन्मा नाती मीर।।
जन्मदिवस है आज ही,कहती थी माँ बात।
तब थी मावस पूस की,शुक्रवार की रात।।
प्रथम पुत्र के जन्म का, उत्सव हर्षोल्लास।
जन्मदिवस को गा रही,सोहर गीत सहास।।
जन्मदिवस उस गाँव में,शहर आगरा पास।
पिता जननि के उर बसी,सौभाग्यों की आस।
जन्मदिवस वेला सदा,करती है बेचैन।
रहते सोहर -धाम में, कर्ण युगल दो नैन।।
जन्मदिवस वह धन्य है,जन्मे जहाँ सपूत।
बाँझ रहे जननी वही,गुण से हीन प्रभूत।।
जन्मदिवस की है घड़ी, चाहत शुभ आशीष।
मिले 'शुभम्' सद्भावना,उच्च रहे उष्णीश।।
🪴 शुभमस्तु!
28.12.2022◆6.15 आरोहणम् मार्तण्डस्य।
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