मंगलवार, 31 दिसंबर 2024

हमें देश प्यारा [महाभुजंगप्रयात सवैया]

 593/2024

                

छंद विधान:

1.यह 24 वर्णों का वर्णिक छंद है।

2.इसमें 8 यगण (122×8) होते हैं।

3.इसमें 12,12 वर्णों पर यति का विधान है।


                         -1-

जमाना बुरा है कहे जा रहे हैं,

              निहारें नहीं झाँक कोई दिलों में।

सभी दोष देते नहीं दोष लेते,

                  रहें ताकते वे पराए बिलों में।।

पिला ज्ञान देना यही है कहानी,

                 रहें सेफ आला बनाए किलों में।।

कली शाख पै ही लगी सूखती है,

                  खिलें फूल कैसे वनों में मनों में।।


                         -2-

किसे देश की आज चिंता बड़ी है,

                सभी लूट खाने को पैने बड़े हैं।

मिले लूटने का जिसे आज मौका,

                 वही लोग जाने को आगे खड़े हैं।।

न नेता भले हैं न साधू भले हैं,

                   लिए हाथ थैला वे माँगें पड़े हैं।

इसे आदमी के भरोसे न छोड़ो,

                   भले भाड़ में डाल स्वांगों चढ़े हैं।।


                         -3-

नई आज पीढ़ी कहाँ जा रही है,

                    कई जाम -बूटी नशा में अड़े हैं।

उन्हें लाज थोड़ी न आती बड़ों की,

                    तनों से मनों से फँसाए पड़े हैं।।

नहीं मानते बात माता-पिता की,

                       कुल्हाड़ी पगों में गड़ाए चढ़े हैं।

कभी एक भूला जु संध्या न आए,

                       निराशा बड़ी है पियासे खड़े हैं।।


                         -4-

न ढोंगी करेंगे न भोगी करेंगे,

                        सभी देश के लोग गाते चलेंगे।

हमें देश प्यारा बचाना हमी को,

                        कुनेता गुमानी सदा ही छलेंगे।।

खड़ी वीर सेना बचाए हमें जो,

                          उन्हींके सहारे फुलेंगे -फलेंगे।

विदेशी न कोई कभी भी घुसेगा,

                        सभी को मिटाके दलेंगे ढलेंगे।।


                         -5-

हमें देश प्यारा हमारा सहारा,

                         बहे अंबु गंगा हमारा तिरंगा।

यहाँ राम आए यहाँ बुद्ध छाए,

                     यहाँ गाय माता यहीं राज्य बंगा।।

यहीं वेद वाणी सुखी देश प्राणी,

                       यहीं मातृभाषा सु हिंदी उछंगा।

शुभं सत्य वाचा सुहर्षा कुलांचा,

                           हमें मान देता समाना उमंगा।।


शुभमस्तु !


30.12.2024●7.15 प०मा०

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