422/2024
©शब्दकार
डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम्'
मोबाइल के सब मतवाले।
खेल खेलते नए निराले।।
'गुल्ली डंडा' 'आँख मिचौनी'।
नहीं खेलते छौना - छौनी।।
'हरियल डंडे' पर भी ताले।
मोबाइल के सब मतवाले।।
'कंचा गोली' या 'नव गोटी'।
'गुट कंकड़' की बातें छोटी।।
पड़े 'कबड्डी' के अब लाले।
मोबाइल के सब मतवाले।।
बदला 'शुभम्' जमाना भारी।
मोबाइल ने कर दी ख्वारी।।
बीत गए दिन 'गुच्ची' वाले।
मोबाइल के सब मतवाले।।
शुभमस्तु !
16.09.2024◆7.45आ०मा०
★★★
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