बुधवार, 11 दिसंबर 2024

मत पूछो कौन! [ गीत ]

 557/2024

           

©शब्दकार

डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम्'


झूठ का पुलिंदा

मत पूछो कौन !


जो उसको लाया

उसे  ही   सताया

पीता  रहा खून,

मीठे कोयल के बोल

शहद बातों में घोल

खाए बिना मिर्च नून,

नित्य ग्रीवा का फंदा

शोषित क्यों  मौन।


स्वयं  फिरे आजाद

अनुगामी   बरबाद

करे एक नहीं काज,

भला चाहता है कौन

सदा बजा करे फोन

खुजाए जाओ खाज,

छाँट भेजा है चुनिंदा

रेड कारपेटी लॉन।


झूठ बुलाए  न भगवान

काजू पिस्ते के पकवान

बाँट भाषण की खीर,

शयन कनक सजी शैया,

कोई  बाप  नहीं भैया,

मिली  ऐसी   तकदीर,

चले हेकड़ी का  रंदा

एक नहीं  दस भौन।


शुभमस्तु !


10.12.2024●8.45 प०मा०

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