गुरुवार, 11 मार्च 2021

शिवो$हम (गीतिका) 🕉️

 

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✍️ शब्दकार ©

🕉️ डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'

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शिवो$हम      सत   शिवो$हम।

शिव  चरणों   में    हैं  नत  हम।।


शिव   में     सब     ब्रह्मांड समाया,

करें     साधना     हो    रत   हम।।


रहते   हैं     कैलास    धाम   शिव,

गौरी    सँग  दो    तनय    शुभम।


सोम  शीश  धर   संग   शुभा   भी,

बाघम्बर         ध्यानस्थ     शिवम।


नीलकंठ    गल       सर्प  सुशोभित,

वृष    वाहन      पर  अनघ   परम।


डम-डम   डमरू   बजता शिव  का,

बोलें   मिल    सब   हर  -  हर बम।


त्रयगुण   वाचक     शिव  त्रिशूल   है,

'शुभम'  सत्य   शिव    जगत शिवम।


शुभम=श्री गणेश।

शुभा =गंगा ।


🪴 शुभमस्तु !


११.०३.२०२१◆११.००आरोहणम  मार्तण्डस्य।

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