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✍️ शब्दकार ©
🕉️ डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'
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उर में वीणावादिनि! आओ।
काव्यामृत नित ही बरसाओ।
गूँज रही तव सुमधुर वाणी।
कृपा करो माँ जग -कल्याणी।
जग में नेह - सुधा बरसाओ।
उर में वीणावादिनि! आओ।।
हंसवाहिनी, ज्ञानस्वरूपा।
त्रिगुणा, शुभदा , विद्यारूपा।
वन्द्या माँ वल्लकी बजाओ।
उर में वीणावादिनि !आओ।।
श्रीप्रदा, वरप्रदा, रमा तुम।
विमला, विश्वा,आराधक हम।
भामा !ज्ञानज्योति प्रकटाओ।
उर में वीणावादिनि! आओ।।
सुरवंदिता, शिवा, माँ भामा।
कामप्रदा, कांता , शुभनामा।
चंद्रवदनि!अघ-ओघ नसाओ।
उर में वीणावादिनि ! आओ।।
चित्राम्बरा, चंद्रिका ,भारती।
करता है माँ 'शुभम' आरती।
पद्माक्षी धी-रश्मि जगाओ।
उर में वीणावादिनि!आओ।।
🪴 शुभमस्तु !
०९.०३.२०२१◆९.०० पतनम मार्तण्डस्य।
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