मंगलवार, 9 मार्च 2021

कोरोना की ढाल💉🧬 [ गीत ]

 

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✍️ शब्दकार ©

🧬 डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'

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कोरोना   की   ढाल  आ  गई,

सभी  केन्द्र   पर  अब   जाएँ।

बालक,युवा ,वृद्ध नर -  नारी,

वैक्सीन      सब     लगवाएँ।।


मन में शंका  ग़लत फहमियाँ,

नहीं  किसी  को   हैं   करनी।

जीते   जी  जो  झेल  रहे  थे,

वैतरणी      पार     उतरनी।।

चौदह  दिन के  बाद  पुनः वे,

जा     टीकाकरण     कराएँ।

कोरोना  की ढाल  आ   गई,

सभी केन्द्र  पर  अब   जाएँ।।


बहकाने      वाले       बहुतेरे ,

नहीं     हितैषी     वे      होंगे।

टीके का कुछ ज्ञान न जिनको

हैं  अज्ञानी   वे   जड़   पोंगे।।

जड़ लोगों की  बातों  में क्यों,

अब     समझदार    भरमाएँ?

कोरोना  की   ढाल   आ गई,

सभी केन्द्र  पर   अब  जाएँ।।


मानें   सब  आभार   देश की,

वैज्ञानिक   इन   खोजों   का।

दूर    रहें      दुर्गंध   प्रसारक,

पैरों    के   दो    मोजों - सा।।

जिनका काम मात्र है  खंडन,

उन्हें  न   कानों    पर   लाएँ।

कोरोना की  ढाल  आ    गई,

सभी  केन्द्र पर  अब  जाएँ।।


सबसे  पहले   भारत  ने   ही,

बजा दिया   है   शुभ   डंका।

याचक बने   देश  दुनिया के,

शेष न   कोई    है    शंका।।

टीका यह  स्वदेश निर्मित है,

हर भ्रम - भेद   मिटा  आएँ।

कोरोना  की   ढाल  आ गई,

सभी केन्द्र पर  अब  जाएँ।।


कठिन  परीक्षा  के   दौरों से,

हम सब   कब   से  गुजरे  हैं।

उधर पड़ौसी   अपने   दोनों,

सुनते  थे   नित   मुजरे   हैं।।

'शुभम' शिवम हो वंदे भारत,

सब निज   विश्वास    बढ़ाएँ।

कोरोना की  ढाल   आ  गई,

सभी   केन्द्र     पर     जाएँ।।


🪴 शुभमस्तु !

०९.०३.२०२१◆६.००पतनम मार्तण्डस्य।

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