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✍️ शब्दकार ©
🌿 डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'
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डेंगू से है जंग हमारी।
करें हराने की तैयारी।।
स्वच्छ रखें अपना घर पूरा।
रहे पास में एक न घूरा।।
करें सुबह से सब तैयारी।
डेंगू से है जंग हमारी।।
फ़िर भी यदि बुख़ार आ जाएँ
तुलसी दल की चाय बनाएँ।।
पिएँ पपीता - रस भी भारी।
डेंगू से है जंग हमारी।।
मत भूलें मैंथी का काढ़ा।
हल्दी डाल दूध लें गाढ़ा।।
बीमारी पर हम हों भारी।
डेंगू से है जंग हमारी।।
पत्ते नीम पेड़ के पा लें।
रख पानी में ख़ूब उबालें।।
घर वाले सब पिएँ सँभारी।
डेंगू से है जंग हमारी।।
तेल नारियल नित्य लगाएँ।
खुली देह सब ढँककर जाएँ।।
यह बचाव की शुभ तैयारी।
डेंगू से है जंग हमारी।।
🪴 शुभमस्तु !
१६.०९.२०२१◆७.१५ आरोहणं मार्तण्डस्य।
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