बुधवार, 29 सितंबर 2021

शारदीय पंच शब्द- शृंगार 🌼 [ दोहा ]


 [क्वार,कार्तिक,मास,मुकुल, मंजुल]

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✍️ शब्दकार ©

📖 डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'

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क्वार मास सित रंग के,वन में फूले   काँस।

श्राद्ध पक्ष के भोज को,उछले जन नौ बाँस।।


विमल शरद की चंद्रिका,नव रातों का मास।

विजयादशमी क्वार में,सुखद पूर्णिमा हास।


ज्योति पर्व दीपावली,कार्तिक का उपहार।

उर का हर तम दूर कर,गहें ज्ञान का सार।


कार्तिक चातुर्मास का,अंतिम पावन मास।

देव -तत्त्व  सुदृढ़ बने, पाता सत्त्व   सुबास।


षडऋतु  बारह मास में,राजा  मास वसंत।

पावस  रानी   सोहती, अंकुर उगें    अनंत।


महिमा है हर मास की,फागुन के दिन चार।

सावन में तिय कर रही,साजन से  मनुहार।


नील मुकुल खिलने लगे,अपराजिता सु-बेल

विष्णुप्रिया मोहक सुघर,करती तरु चढ़ खेल


मानव के इस मुकुल का,मोल न जाने मीत।

विकृत अंग न मिल सकें,समय रहा है बीत।


मंजुल   मानव - देह की,रक्षा   मानव - धर्म

मन को पावन कर'शुभं',कर मानव हित कर्म


मंजुल पौधे जीव सब,प्रकृति दत्त उपहार।

मानव नित रक्षा करे,यही कथ्य  का  सार।


क्वार   कार्तिक   मास में,

          खिलते   मुकुल अनेक।

निशि   में   शारद  -  चंद्रिका,

         मंजुल    तमज  -  विवेक।।

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क्वार=आश्विन,शरद ऋतु का प्रथम माह।


कार्तिक=शरद ऋतु का द्वितीय माह।


मास=महीना।


मुकुल=कली, देह।


मंजुल= सुंदर, सुरम्य, मनोहर ।

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   🪴शुभमस्तु !


२९.०९.२०२१◆ ६.३०आरोहणं मार्तण्डस्य।


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