[संविधान, गणतंत्र,तिरंगा, राष्ट्रगान,आजादी]
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✍️ शब्दकार ©
🇮🇳 डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'
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🇮🇳 सब में एक 🇮🇳
संविधान का दिवस है, दो हजार बाईस।
बीस औऱ छः जनवरी, नमन राष्ट्र को सीस।।
संविधान निर्माण कर, दिया देश को मंत्र।
भीमराव जी धन्य हैं, बना संगठित तंत्र।।
आज दिवस गणतंत्र का,जनता का है राज।
जनता ने चुनकर रखा,जन के ही सिर ताज।
दुनिया में सिरमौर है,भारत का गणतंत्र।
एकसूत्र की माल ये, राष्ट्र - एकता मंत्र।।
नमन तिरंगा को करें,रखें उच्च नित मान।
लहराता नभ में रहे,घटे न इसकी शान।।
प्राण निछावर कर दिए, बलिदानी वे वीर।
उसी तिरंगे को नमन,करते हैं रणधीर।।
राष्ट्रगान के मान का, रखना ही है ध्यान।
ध्वनि जब कानों में पड़े,करें खड़े हो गान।।
राष्ट्रगान ही मान है, राष्ट्रगान ही मंत्र।
गाएँ सब समवेत स्वर,'शुभम' देश गणतंत्र।।
अमर शहीदों को सदा, करते नमन प्रणाम।
आजादी जो दे गए, वर्तमान परिणाम।।
आजादी के मान में, करें न कोई भूल।
देखे टेढ़ी दृष्टि से,दें उस अरि को शूल।।
🇮🇳 एक में सब 🇮🇳
अमर तिरंगा देश का,
संविधान है शान।
आजादी गणतंत्र की,
राष्ट्रगान सम्मान।।
🪴 शुभमस्तु !
२६ जनवरी २०२२◆ गणतंत्र दिवस ◆७.४५ आरोहणं मार्तण्डस्य ।
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