विश्व हिंदी दिवस पर🪴
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समांत: अना।
पदांत: मेरा।
मात्राभार :24.
मात्रा पतन:नहीं है।
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✍️ शब्दकार ©
🏕️ डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'
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हिंदी का विस्तार सुनहरा सपना मेरा
हिंदी से कर प्यार यही है कहना मेरा
हिंदी ने ही मुझे बढ़ाया और पढ़ाया
माँ का सुरभि दुलार काव्य का गहना मेरा
माँ के पहले बोल वही हों अंतिम मेरे
माँ को करता प्यार वही है अपना मेरा
आज विश्व हिंदी का दिन है मित्रो आओ
बहे हिंद में धार मंत्र है जपना मेरा
वैज्ञानिकता पूर्ण 'शुभम' की भाषा हिंदी
जीना - मरना हिंद उसी हित खपना मेरा
🪴शुभमस्तु !
१०.०१.२०२२◆७.१५ आरोहणं मार्तण्डस्य।
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