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समांत: इया।
पदांत :करते हैं।
मात्राभार :24.
मात्रापतन :नहीं है।
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✍️ शब्दकार ©
🇮🇳 डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'
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देश की आन को निज प्राण दिया करते हैं
वीर बलिदानी सदा त्राण किया करते हैं
देश की भक्ति ये बातों के बतासे नहीं
सपूत देशभक्त मातार्थ जिया करते हैं
सीमांत धन्य प्रहरी सोते न जागते ही
साड़ी फटे जो माँ की गुप्त सिया करते हैं
सैनिक - उर धड़कता संतति है, वीर पत्नी
मात - पिता से पूछो अश्रु पिया करते हैं
फहरा ध्वज तिरंगा करता है शान ऊँची
धीर 'शुभम' सारे परिणाम दिया करते हैं
🪴 शुभमस्तु !
२४.०१.२०२२◆९.००आरोहणं मार्तण्डस्य।
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