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✍️ शब्दकार ©
🏕️ डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'
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बड़ी पुरानी राम - कहानी।
नगर अयोध्या सीता रानी।।
पिता राम के दशरथ राजा।
बजता धीर- वीर का बाजा।।
कौशल्या के सुत व्रतधारी।
सुता कौशलाधीश सु नारी।।
कैकई औऱ सुमित्रा माता।
माता जैसा उनसे नाता।।
पितुराज्ञा प्रिय सुत ने मानी।
फिर आगे बढ़ चली कहानी।।
सँग सीता वनवास सिधाए।
वन में संकट भारी पाए।।
चुरा ले गया रावण सीता।
बुरा समय आपद में बीता।।
रावण मार राम घर आए।
घर - घर मंगल मोद मनाए।।
राजा हुए राम, सिय रानी।
फिर आगे बढ़ चली कहानी।
'शुभम' बताई राम - कहानी।
नित्य नई है भले पुरानी।।
🪴 शुभमस्तु !
०४.०१.२०२२◆१.००
पतनम मार्तण्डस्य।
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