001/2023
■●■●■●■●■●■●■●■●■●
✍️ शब्दकार ©
🪷 डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम्'
[ स्तुति - गीत]
■●■●■●■●■●■●■●■●■●
माता सरस्वती शुभकारी।
'शुभम्' वंदना करे तुम्हारी।।
अक्षर -ज्ञान हमें सिखलाया।
शब्दों में नवजीवन आया।।
फूली काव्य-सुमन फुलवारी।
माता सरस्वती शुभकारी।।
रसना में भरतीं रस- वाणी।
वीणावादिनि जग-कल्याणी।
जगती के प्रसन्न नर - नारी।
माता सरस्वती शुभकारी।।
हंसवाहिनी हे वरदायिनि।
रमा, परा,विमला, दुखनाशिनि।।
विश्वा, वसुधा,हे हितधारी।
माता सरस्वती शुभकारी।।
इला, ईश्वरी, कलाधारिणी।
विदुषी, विद्या, वीणापाणी।।
माही, मेधा, श्रीपद , वारी।
माता सरस्वती शुभकारी।।
'शुभम्'साधना माँ की करता।
उर में ध्यान सदा ही धरता।।
प्रज्ञा, पुष्टि, अक्षरा न्यारी।
माता सरस्वती शुभकारी।।
🪴शुभमस्तु !
01.01.2023◆5.30
पतनम मार्तण्डस्य।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें