गुरुवार, 19 जनवरी 2023

अनुशासन 🇮🇳 [ चौपाई ]

 30/2023

     

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✍️शब्दकार ©

🇮🇳 डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम्'

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अनुशासन जिसको है प्यारा।

करें आपदा   वहाँ   किनारा।।

अनुशासन की   सुदृढ़  डोरी।

करती त्वचा चरित की गोरी।।


जहाँ न संतति   आज्ञा  मानें।

टाँग  अड़ाएँ   अपनी  तानें।।

वहाँ सुमति की संपति नासे।

बचें नहीं परिजन विपदा से।।


रावण ने   अनुशासन  तोड़ा।

जीवन - पथ में  आया रोड़ा।।

परनारी   को   वह हर लाया।

क्या अनुशासन तजकर पाया??


पाक नित्य अनुशासन तोड़े।

क्षमा नहीं कर उसको छोड़े।।

बमबारी   कर   छोड़े   गोले।

समझ नहीं भारत को भोले।।


औरों के  घर  आग  लगाता।

उसी आग में जल मर जाता।।

कर्मों   से   अनुशासन  पाएँ।

नव पीढ़ी  को सबल बनाएँ।।


अनुशासित हों भारतवासी।

मिटे देश की सकल उदासी।।

आलस में पड़ जो सो जाए।

देश चेतना   विमल  नसाए।।


'शुभम्' बनें अनुशासित सारे।

प्रगति -  पंथ तब होंगे न्यारे।।

हम अनुशासन के   पथचारी।

चलते   संविधान  अनुसारी।।


🪴शुभमस्तु!


16.01.2023◆7.00 आरोहणम् मार्तण्डस्य।


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