मंगलवार, 10 जनवरी 2023

संग उषा के दिनकर आया 🌻 [ सजल ]

 15/2023

 

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●समांत : आल ।

●पदांत  : है ।

●मात्राभर :16.

●मात्रा पतन: शून्य।

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✍️ शब्दकार ©

🌻 डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम्'

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प्राची   का    अरुणिम    सु - भाल   है।

हटा     तमस      का    इंद्रजाल      है।।


संग      उषा     के      दिनकर    आया,

मंद     -    मंद       चलता   मराल    है।


आँखें       खोल       शयन   को    त्यागें,

नाच    उठी     तरु     डाल- डाल      है।


कलियाँ           मुस्काईं      बेलों     पर,

सूरज     का   मुख  लाल - लाल       है।


सरक      रहीं       सुइयाँ  घड़ियों   की,

कहते     सब    रुकता   न  काल      है।


चलते      रहें         यही      है    जीवन,

सबकी     अपनी      अलग  चाल     है।


'शुभम्'     प्रगति     की  किरण    हजारों,

रंग        दमकता       ज्यों   प्रवाल    है।


🪴शुभमस्तु !


09.01.2023◆5.45 आरोहणम् मार्तण्डस्य।


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