शुक्रवार, 19 जून 2020

हिंद [आह्वान गीत]


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✍ शब्दकार©
🇮🇳 डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'
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हिन्द   देश  के  वीरो  जागो!
छोड़ खुमारी   निद्रा त्यागो!!

चीन शीश पर चढ़ आया है।
आँख  दिखाकर  गुर्राया है।।
कह दो उससे   पीछे भागो।
हिन्द  देश के  वीरो  जागो!!

जो   छेड़ेगा    खैर  नहीं  है।
हमें किसी   से  बैर नहीं है।।
अपने  बिल में  भागो नागो!
हिन्द देश   के  वीरो जागो!!

नियत चीन की दूषित भारी।
कोरोना की   दी    बीमारी।।
धोखे    की  टट्टी जलवा दो।
हिन्द देश के   वीरो जागो!!

आधी     तेरी  आँख बंद हैं।
कर दें  सारी ज्योति मंद हैं।।
देंगे नहीं क्षमा,  यदि माँगो।
हिन्द देश के वीरो  जागो!!

धोखे से   तू    सैनिक  मारे।
हिन्द देश का   बाग  उजारे।।
मत   इतराना   गोरे  कागो।।
हिन्द देश  के वीरो  जागो!!

नहीं  उगलतीं   गन ये पानी।
दुनिया   देख  आग  थर्रानी।।
भला यही    है  बैर न पागो।
हिन्द  देश  के  वीरो जागो!!

जिसने हमें आँख दिखलाई।
फोड़ी  दोनों    बंद दिखाई।।
झूठे  को  सच्चा मत जानो।
हिन्द देश  के  वीरो जागो!!

💐 शुभमस्तु !

17.06.2020◆9.00 पूर्वाह्न।

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