विधान: I sss
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✍ शब्दकार ©
🤾🏻♂️ डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'
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चलें मेला ।
लदे ठेला।।
पके केला।
चला रेला।।
कभी अना ।
सभी जाना।।
महा भारी।
सजी क्यारी।।
नहीं रूठो ।
मजा लूटो।।
चली जाना।
धरो बाना।।
चलो राधा ।
नहीं बाधा।।
महामारी।
सदाचारी।।
नहा धोएँ।
चलो सोएँ।।
घनी रातें ।
करें बातें।।
💐 शुभमस्तु !
17.06.2020 ◆2.15 अपराह्न।
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