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✍ शब्दकार ©
🌷 डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'
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सुहृद सु-मन से शतशः स्वागत।
अतिथि हमारे हे प्रिय!आगत।।
हम कृतज्ञ हैं बहुत तुम्हारे।
जो तुम आए द्वार हमारे।।
वंदन हम करते हैं शत -शत।
सुहृद सु-मन से शतशः स्वागत।।
समय आपका अति अनमोली
कुछ पल दे भर दी मम झोली
स्वागत में हम तत्त्पर अविरत
सुहृद सु-मन से शतश: स्वागत।।
जीवन की यह सुखद घड़ी है।
जुड़ी एक से एक कड़ी है।।
है सान्निध्य तुम्हारा अमृत।
सुहृद सु-मन से शतशः स्वागत।।
पलक - पाँवड़े बिछा-बिछा कर
लाए हैं हम रिझा-रिझा कर।।
बार - बार होते हैं हम नत।
सुहृद सु-मन से शतशः स्वागत।।
'शुभम' युगल पद छाप तुम्हारी
भावी जाए बदल हमारी।।
कभी न करना हमको विस्मृत
सुहृद सु-मन से शतशः स्वागत।।
01.06.2020 ◆ 6.15 पूर्वाह्न।
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