शनिवार, 11 जून 2022

चिड़िया क्यों उदास है भारी 🐥 [ बालगीत ]


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✍️ शब्दकार ©

🐥 डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम्' 

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चिड़िया क्यों उदास है  भारी।

लगती थी जो  इतनी  प्यारी।।


सुबह जागती चूँ -   चूँ  करती,

चहल-पहल से घर को भरती,

आज न   चूँ-चूँ   पड़ी  सुनाई,

बैठी अनमन   पड़ी   दिखाई,

आजअलग ही दिखती न्यारी।


साथ न  बैठा  आज  चिरौटा,

गया कहाँ वह अभी न लौटा,

इधर -उधर  बिखरे हैं तिनके,

सजा दिएथे जो गिन-गिन के,

रूठी खग - शावक महतारी।


दोनों    दाना -   पानी    लाते,

दौड़-दौड़ उड़-उड़ खिलवाते,

बच्चे चें -  चें  के  स्वर  करते,

चोंच खोल   दाना  मुँह भरते,

भूखे -  प्यासे    हुए   दुखारी।


घर में निज   घोंसला  बनाया,

सुखी एक   परिवार   बसाया,

क्यों उन पर   विपदा  है आई,

चुहल न अब वह   पड़े सुनाई,

मुरझाई  सुमनों  की   क्यारी।


🪴 शुभमस्तु !


०८ जून २०२२◆२.४५पतनम  मार्तण्डस्य।

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