सोमवार, 25 जुलाई 2022

झर -झर पानी ⛈️ [ सजल ]

 288/2022

  

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समांत: अर।

पदांत :पानी।

मात्राभार:16.

मात्रा पतन :शून्य।

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✍️ शब्दकार ©

🌈 डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम्'

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बरस  रहा  है झर - झर पानी।

बादल  लाते भर - भर पानी।।


ताल  - तलैया  भरे   लबालब,

खुशियाँ  देता घर - घर पानी।


मेघ  गरजते  चमके   बिजली,

गिरा  पनारे  धर  - धर  पानी।


स्वाति - बिंदु  की  टेक लगाए,

चातक पीता हर -  हर  पानी।


करे    दादुरी   का   आवाहन,

दादुर  करता  टर - टर  पानी।


धर कंधे  पर  कृषक  फावड़ा,

चला, न जाए  सर-सर पानी।


'शुभम्' सरसती  पावस रानी,

करे अवनि को तर -तर पानी।


🪴 शुभमस्तु !


२४.०७.२०२२◆ १०.३० 

पतनम मार्तण्डस्य।


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