सोमवार, 12 अप्रैल 2021

लाल-लाल तरबूज 🍉 [ बालगीत ]

 

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✍️ शब्दकार ©

🪴 डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'

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लाल - लाल  तरबूजा आया ।

मैंने जी भर कर  वह खाया।।


गर्मी का  मधु  फल  तरबूजा।

मीठा ऐसा  ज्यों  तर  कूजा।।

माता  और  पिता   को भाया।

लाल - लाल  तरबूजा आया।।


तपन  धूप   गर्मी   की हरता।

तृप्ति प्यास की भी है करता।

जिसने देखा  मन  ललचाया।

लाल - लाल तरबूजा आया।।


लू  - लपटों  से  हमें  बचाता।

भोजन को भी शीघ्र पचाता।।

मोटापा   भी    सदा  घटाया।

लाल - लाल तरबूजा आया।।


रोग पोलियो  यदि हो  जाता।

बालक का  वह रक्त बढ़ाता।।

त्वचा रोग   में लाभ  कराया।

लाल - लाल तरबूजा आया।।


जलन मूत्र   की  सदा घटाता।

खाँसी में अति लाभ कराता।।

ए, बी,सी, का   स्रोत बताया।

लाल - लाल तरबूजा  आया।।


🪴 शुभमस्तु !


१२.०४.२०२१◆१.००पतनम मार्तण्डस्य।


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