सोमवार, 19 अप्रैल 2021

कोई तो इसको समझाओ [ बालगीत ]


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✍️ शब्दकार ©

🪴 डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'

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कोई  तो   इसको  समझाओ।

अपने घर को वापस जाओ।।


चीन  देश से आ जग  छाया।

तांडव भीषण नित्य मचाया।।

जाए फ़िर  से  चीन  बताओ।

कोई तो  इसको  समझाओ।।


पैर न हाथ  नहीं मुख काना।

करता बुरे काम नित नाना।।

रहो वुहान  वहीं  जा खाओ।

कोई तो  इसको समझाओ।।


रूप  बदलकर  आ जाता है।

छलिया  छ्द्म वेश  पाता है।।

कहें इसे अब  मत  इतराओ।

कोई तो  इसको समझाओ।।


अवसरवादी     हमें   डराता।

आदत से क्यों बाज न आता!

कोरोना झट चीन   सिधाओ।

कोई तो  इसको समझाओ।।


इच्छा शक्ति  बढ़ाएँ    क्षमता।

मानव को हितकारी शुभता।।

अपने को कमतर मत पाओ।

कोई तो इसको  समझाओ।।


🪴 शुभमस्तु !


१९.०४.२०२१◆११.१५आरोहणम मार्तण्डस्य।

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