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✍️ शब्दकार ©
🏕️ डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'
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जंगल में चुनाव करवाना।
सब चूहों ने मिलकर ठाना।।
जंगल में बहुमत है अपना।
देख रहे मूषक जी सपना।।
मूषक - पंचों ने यह माना।
जंगल में चुनाव करवाना।।
बिल्ली मौसी हमें डराती।
अवसर देख हमें खा जाती।।
अब राजा चुनकर दिखलाना।
जंगल में चुनाव करवाना।।
सभी यहाँ पर बने शेर हैं।
क्या हम काँटे लगे बेर हैं ??
चाह रहे सब रौब दिखाना।
जंगल में चुनाव करवाना।।
डर से हम घर में घुसते हैं।
घर वाले हमसे रुषते हैं।।
खाने देते एक न दाना।
जंगल में चुनाव करवाना।।
चूहामार दवाई लाते।
आटे में मिलवा मरवाते।।
कब गणेश का वाहन माना ?
जंगल में चुनाव करवाना।
बहुमत अपना हम जीतेंगे।
नहीं बुरे दिन अब बीतेंगे।।
चूहे को प्रधान बनवाना।
जंगल में चुनाव करवाना।।
🪴 शुभमस्तु !
२२.०४.२०२१◆९.०० आरोहणम मार्तण्डस्य।
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