बुधवार, 14 अप्रैल 2021

अनीति भीति शान है ! 🙈 [ अनंग शेखर ]

 

विधान-  १.चार चरण। 

२.दो चरण सम तुकांत।

३. लघु गुरु की 16 आवृत्ति।

४.12 पर यति।

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✍️ शब्दकार ©

🏕️ डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'

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सुराज  का  सवाल है,कुराज ही   बबाल  है,

न  जानता  न  मानता,तना हुआ  वितान  है।

यहाँ वहाँ सभी दुखी, कहाँ यहाँ सभी  सुखी,

अमीर  पीठ  ठोंकता, पड़ा वही  उतान  है।।


गली - गली कली मली,बचा यहाँ बली छली,

कुभाष बाण भौंकता, बचा नहीं  विधान है।

निरोग  कौन  है  यहाँ, विरोध ही  यहाँ  वहाँ,

ग़ुबार कौन रोकता, अनीति भीति शान  है।।


🪴 शुभमस्तु !


१३.०४.२०२१◆ २.१५ पतनम मार्तण्डस्य।

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