सोमवार, 12 अप्रैल 2021

कुमार -सी कुमारियाँ [ अनंग शेखर ]

 

विधान-  १.चार चरण। 

२.दो चरण सम तुकांत।

३. लघु गुरु की 16 आवृत्ति।

४.12 पर यति।

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✍️ शब्दकार ©

🏕️ डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'

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कराल   काल    आ   गया,

नहीं    रही     दया    मया,

विकास    जाल   रूप   है,

प्रणाम   है       मिलावटी।


अनीति     नीति    है   बनी,

कुरीति   रीति -   सी   तनी,

कुबंध     नंग     भूप     है,

सुधार      है       बनावटी।


उगे     यहाँ    बबूल     हैं,

समूल    लोग    शूल    हैं,

न शेष   आज    कूप    हैं,

विराटता     कटी -  मिटी।


सुभाषिणी     न    नारियाँ,

कुमार -    सी    कुमारियाँ,

विकार     ईति     व्यूप   है,

कुधारणा   सटी -    सटी।।


🪴 शुभमस्तु !


१२.०४.२०२१◆ ६.३० पतनम मार्तण्डस्य।

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