132/2025
समांत :इयाँ
पदांत : अपदांत
मात्रा भार :16.
मात्रा पतन :शून्य
डाल -डाल पर खिलतीं कलियाँ।
लगें मनोहर मोहक छवियाँ।।
मर्यादा में रहना सीखें।
कहतीं गंगा यमुना नदियाँ।।
लोग न झाँकें ग्रीवा अपनी।
खोज रहे औरों में कमियाँ।।
मीन - मेख करतीं आपस में।
जब मिलतीं आपस में जनियाँ।।
मिला दूध में सरि का पानी।
जिसमें निकलीं चार मच्छियाँ।।
एक अजूबा हमने देखा।
मौन धरे कुछ बैठीं सखियाँ।।
भर - भर गाड़ी आलोचक हैं।
'शुभम्' उड़ाते नित्य धज्जियाँ।।
शुभमस्तु !
03.03.2025●6.15आ०मा०
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