शनिवार, 26 अगस्त 2023

चंद्रयान-3 :सफल 'विक्रम' 'प्रज्ञान' ● [ दोहा ]

 373/2023

 

●© शब्दकार

● डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम्'

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धरती   माँ  के  पूत ने,खूब मचाई   धूम।

चंद्रयान से  दौड़कर, चाँद लिया  है  चूम।।

'विक्रम' राखी ले गया,बाँधी मामा    हाथ।

जय विज्ञानी देश के,विजय तिरंगा  साथ।।


'विक्रम'  लैंडर  धारकर,रोवर को    'प्रज्ञान'।

'इसरो' के   नेतृत्व   में, करता कार्य  महान।।

 'इसरो' - वैज्ञानिक सभी,धन्य किया यह देश।

बना शुभद इतिहास है,जग में काम  सु -वेश।।


अमर  तिरंगा गाड़कर,किया विश्व में  नाम।

जय- जय हो  विज्ञान की,बना चंद्रमा  धाम।।

तिथि तेईस अगस्त की,दिन शुभ है बुधवार।

भू माँ की राखी बँधी, खुले प्रगति  के  द्वार।।


चंद्रयान-थ्री  के  लिए, हम  हैं बड़े    कृतज्ञ।

चौथा  भारत  देश है, पूर्ण करे जो     यज्ञ।।

धन्य  श्रेष्ठ  विज्ञान   को,नमन विज्ञ    विद्वान।

जिनके हाथों हो सका, सफल पूर्ण अभियान।।


सोमनाथ -  नेतृत्व   से, मिला सोम  को व्योम।

टीम धन्य उनकी सभी, सफल  हुआ  है होम।।

श्रेय मिला इस देश को,श्रम का सुफल अपूर्व।

'शुभम्' गर्व से उच्च सिर, अमर  धरा की दूर्व।।


शोध  नए   'प्रज्ञान'   से ,होंगे सोच  - विचार।

करें विश्व -कल्याण हम,मानव को  उपहार।।


जय विज्ञान! जय वैज्ञानिक!! जय हिंद!!!

●शुभमस्तु !


24.08.2023◆3.45अरोहणम मार्तण्डस्य।

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