367/202
●●●●●●●●●●●●●●●◆●●●●
● ©शब्दकार
● डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम्'
●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●
नागों के मन काले क्यों हैं?
वाणी पर ये भाले क्यों हैं ??
भिन् - भिन् कर भिनगे भन्नाते,
लिए साथ में जाले क्यों हैं?
होते देव पूजती दुनिया,
बुरी नीति के घाले क्यों हैं?
माले - मुफ़्त बेरहम दिल है,
नेताओं ने पाले क्यों हैं?
मत के भूखे - प्यासे नेता,
कुर्सी के पग छाले क्यों हैं?
गीदड़ की हो मौत निकट ही,
दिखते नहीं उजाले क्यों हैं?
'शुभम्' भागता वन तज गीदड़ ,
उसे प्राण के लाले क्यों हैं?
● शुभमस्तु !
20.08.2023◆10.45 प०मा०
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें