मंगलवार, 8 अगस्त 2023

अम्बर में जाती बारात ● [बालगीतिका]

 342/2023

 

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● ©शब्दकार 

● डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम्'

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अंबर  में    जाती    बारात।

यहाँ - वहाँ    छाती बारात।।


बजते  घड़- घड़ काले मेघ,

पास  नहीं   आती   बारात।


दूल्हा कौन दुल्हनिया कौन,

किस मंडप जाती    बारात।


छायाकार   खींचता   चित्र,

चकाचौंध  ढाती     बारात।


आतिशबाजी   धूम - धड़ाक,

बैंड    लिए    माती    बारात।


लगता  जीम   रही   ज्यौनार,

नीर  गिरा   खाती     बारात।


देखो  ये     बाराती  -    भीड़,

दादुर    से     गाती     बारात।


वीर बहूटी      लाल -  गुलाल,

'शुभम्' नहा जाती    बारात।।


●शुभमस्तु !


08.08.2023◆12.15प०मा०

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