मंगलवार, 8 अगस्त 2023

अम्मा चलें आज अमराई ● [बालगीत ]

 340/2023

 

●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●

●© शब्दकार

● डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम्'

●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●

अम्मा चलें  आज अमराई।

झूलें   झूला  बहना - भाई।।


नभ में घटा उमड़कर आई।

हवा चली   ठंडी   पुरवाई।।

यहाँ वहाँ   छाया  भी छाई।

अम्मा चलें  आज अमराई।।


देखो  मेढक  बोल   रहे हैं।

कानों में  रस  घोल रहे हैं।।

सब तालों की मिटती काई।

अम्मा चलें आज अमराई।।


डाल आम की   झूला डालें।

पटली उस पर एक लगा लें।।

झोंटा   देंगीं     भाभी   ताई।

अम्मा चलें  आज अमराई।।


लंबे -  ऊँचे    पींग    भरूँगी।

झूले  पर मैं    नहीं   डरूँगी।।

पटली   भैया   ने   है    लाई।

अम्मा चलें आज   अमराई।।


'शुभम्' मल्हारें  कजरी गाएँ।

हम बागों  में   धूम   मचाएँ।।

सावन भादों   की   हरिआई।

अम्मा चलें  आज  अमराई।।


●शुभमस्तु !


08.08.2023◆7.15 आ०मा०

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

किनारे पर खड़ा दरख़्त

मेरे सामने नदी बह रही है, बहते -बहते कुछ कह रही है, कभी कलकल कभी हलचल कभी समतल प्रवाह , कभी सूखी हुई आह, नदी में चल रह...