सोमवार, 14 अगस्त 2023

गौरीशंकर परिवार 'शुभम् ● [ गीतिका ]

 354/2023


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●©शब्दकार

● डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम्'

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शिव  शंकर   की   शुभ बृहत् जटा।

फैलातीं     जग     में   नवल  छटा।।


ध्यानावस्थित           अवढर    दानी,

छाई     पर्वत     पर   तुहिन - घटा।


सेवा  में   रत      नंदी    निशि दिन,

लाते   वन    से    नित  खोज गटा।


शिव  -  नाम    निरंतर   भक्त  जपें,

अनजाने     में     नर  -  नारि  रटा।


उज्ज्वल      प्रकाश    तमहारी   है,

तन - मन  बसता  अघ - ओघ हटा।


माता        गौरी      सुत  कार्तिकेय ,

सँग   में       गणेश - सा    पूत सटा।


गौरीशंकर             परिवार  'शुभम्',

जो   जपता     उसका  क्लेश कटा।


*गटा=कंद - मूल।


●शुभमस्तु !


14.08.2023◆5.15आरोहणम् मार्तण्डस्य।

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