374/2023
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● © शब्दकार
● डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम्'
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खड़ा था हमारी
जो जटिल चाँद पर,
खड़े हो गए
हम उसी चाँद पर,
करके तय
हम चले थे
गगन के सफ़र।
तिथि तेईस अगस्त
दिन बुधवार को,
रख दिए हैं चरण
'विक्रम' 'प्रज्ञान' ने,
करेंगे नए शोध
बड़ी शान से,
आशाएँ हैं महत
हमको विज्ञान से।
'इसरो' का
जगत में हुआ नाम भी,
एस. सोमनाथ जी का
बड़ा काम ये,
लहराया तिरंगा
नमन देश का।
देश चौथे बने
विश्व में एक हम,
ध्रुव दक्षिण का
विजय करने में प्रथम,
धन्य विज्ञान को
वैज्ञानिकों को नमन।
खोज जल तत्त्व की
खनिज नए जो मिलें,
एलियन अन्य जीव
पहचान लें,
विश्व लोहा हमारा
आज तो मान ले,
अरे पाक मति मूढ़
कुछ ज्ञान ले।
चन्द्रयान-3 के
'शुभम् ' अभियान का,
देश भारत के
आधुनिक विज्ञान का,
योगदान नहीं
कदापि भूलेंगे हम,
आगे बढ़ते रहेंगे
अपने कदम।
विज्ञान की जय!
वैज्ञानिकों की हो जय!
हिन्द की हो विजय!
हिन्द जन की सु -जय!
देश हो ये अजय।
●शुभमस्तु !
24.08.2023◆11.00प०मा०
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