शुक्रवार, 24 जनवरी 2025

मटर प्याज गोभी [ नवगीत ]

 030/2025

     


©शब्दकार

डॉ०भगवत स्वरूप 'शुभम्'


नेताओं के लिए आम जन

मटर प्याज गोभी।


उनके बिना काम कब चलता

वही उठाते हैं

वही   पूँछ   भी   मूँछ वही हैं

जब इतराते हैं

काम निकल जाते पर, वे सब

मटर प्याज गोभी।


बैनर वही बाँधते ऊँचा

गड्ढे भी खोदें

पीछे जब पड़ जाएँ उनके

धनिया भी बो दें

दरी बिछाकर  उठवाते ,जन

मटर प्याज गोभी।


लगवाना  नित तन पर मक्खन

उन्हें खूब भाए

भर - भर चमचा स्वाद  ले  रहे

मजा मौज आए

राजनीति के  सुदृढ़  खंभ  जन

मटर प्याज गोभी।


शुभमस्तु !


22.01.2025●7.45प०मा०

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