343/2025
©शब्दकार
डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम्'
वृद्ध ये क्योंकर बिठाया
क्या किया अपराध इसने?
पुलिस वाले कुर्सियों पर
शान से तैनात हैं
दूध से वे सब धुले हैं
करते न कोई घात हैं
फर्श पर गुमसुम विचिन्तित
क्या फटा सिया न इसने?
पहनना गणवेश तन पर
क्या सुशासन भी यही है?
कृषक का अपमान करना
क्या पुलिस को ये सही है?
न्याय ही मिलना उचित है
पी लिया अवसाद इसने?
न्याय की लेकर तराजू
न्याय ही करना जरूरी
स्वाभिमानी आदमी को
उद्गार की हो छूट पूरी
कानून है सबको बराबर
दिन का किया क्या रात इसने?
शुभमस्तु !
15.07.2025●10.15आ०मा०
●●●
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें