बुधवार, 23 जुलाई 2025

चलो कर लें प्यार [नवगीत]

 365/2025

         


©शब्दकार

डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम्'


चलो कर लें प्यार

पर शर्तें कड़ी हैं।


हृदय में मेरे रहोगे

रात -दिन तुम

नयन में मेरे बसोगे

होना नहीं गुम

आ न पाएँ विरह की

बेकल घड़ी हैं।


दूसरों से बोलो 

नहीं बतला सकोगे

मैं कहूँ रुक जाओ

तो बेशक रुकोगे

प्यार के दायित्व की

तगड़ी छड़ी हैं।


आजमाना मत मुझे

आजाद हूँ मैं

प्यार का देना न ताना

अच्छाद हूँ मैं

नज़र मत ऊपर करो

रहनी गड़ी हैं।


शुभमस्तु!


23.07.2025● 1.15प०मा०

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